वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-बलिया । युवा तुर्क के नाम से मशहूर देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह की 8 जुलाई यानी कि कल 16 वीं पुण्यतिथि है, 8 जुलाई को साल 2007 में बोन कैंसर के कारण दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका निधन हो गया था, बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी में एक किसान परिवार में हुआ था, दिवंगत नेता चंद्रशेखर सिंह ने बलिया के राम करन इण्टर कॉलेज भीमपुरा से स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद पूर्व का ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए किया, और 1950-51 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में यह डिग्री प्राप्त की थी, छात्र जीवन से ही उनकी छवि एक फायर ब्रांड नेता के रूप में बन गई थी, छात्र राजनीति से वह सक्रिय राजनीति में प्रवेश किए, और फिर वह समाजवादी राजनीति में सक्रिय रूप से जुड़ गए, चंद्रशेखर 24 साल की उम्र में राजनीति में सक्रिय हो गए थे। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत डॉ. राम मनोहर लोहिया के साथ उस समय हुई जब वे छात्र थे, जब उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की, तो वे समाजवादी आंदोलन में शामिल हो गए, और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी बलिया के जिला सचिव बन गए, जल्द ही वह उत्तर प्रदेश में पार्टी के महासचिव बने, उत्तर प्रदेश से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में, वह 1962 में राज्यसभा के लिए चुने गए। वह 1965 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए, और 1967 में कांग्रेस संसदीय दल के महासचिव बने, उत्तर प्रदेश से एक कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में, वह फिर से राज्यसभा के लिए दौड़े, 1968- 1969 में उन्होंने यंग इंडियन की शुरुआत और संपादन किया, वह इसके संपादकीय सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष थे, आपातकाल के दौरान यंग इंडियन को बंद कर दिया गया, और फरवरी 1989 में इसका प्रकाशन फिर से शुरू हुआ, बलिया से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने 2 मार्च 1977 को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया, इसके बाद 1984 को छोड़कर उन्होंने 1977 से 2004 तक सभी लोकसभा चुनाव जीते, कांग्रेसी राजनेता होने के बावजूद इंदिरा गांधी ने उन्हें आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम के तहत जेल में डाल दिया, जेल अवधि के दौरान उनकी लिखी “एक डायरी मेरी जेल डायरी” के नाम से प्रकाशित हुई, बाद में वे जनता पार्टी में शामिल हो गए, जिसने 1977 के भारतीय आम चुनाव के बाद मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार बनाई, उस दौरान चन्द्रशेखर जनता पार्टी के अध्यक्ष थे, 1980 और 1984 में जनता पार्टी ने भारतीय आम चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई, 1984 में वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता पार्टी ने गठबंधन सरकार बनाई, आखिर में गठबंधन से रिश्ते खराब होने के बाद चंद्रशेखर ने जनता दल सोशलिस्ट गुट का गठन किया, 1983 में उन्होंने जनता से दोबारा जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने के लिए कन्याकुमारी से नई दिल्ली में राजघाट महात्मा गांधी की समाधि तक 4260 किमी की पैदल यात्रा की, और नवंबर 1990 में उन्होंने कांग्रेस की मदद से वीपी सिंह को अपदस्थ कर दिया, विपक्ष के नेता राजीव गांधी और 64 अन्य सांसदों ने विश्वास प्रस्ताव में उनका समर्थन किया, और वह प्रधानमंत्री बने, जिसके बाद वह 7 महीने ही सरकार चलाई, कांग्रेस की बात मानने से इंकार करने पर राजीव गांधी ने उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया था और सरकार गिर गई थी।